
गाँव के किनारे, पहाड़ों के पास एक छोटा सा गाँव था – चंदनपुर। इस गाँव में एक लड़का रहता था – गुड्डू। गुड्डू बहुत होशियार था, लेकिन उसे स्कूल जाना बिल्कुल पसंद नहीं था। रोज़ सुबह उसकी माँ उसे जगाती और कहती –
“गुड्डू, स्कूल का समय हो गया, जल्दी उठो!”
लेकिन गुड्डू हमेशा कोई बहाना बना लेता – “आज मेरा पेट दर्द कर रहा है”, “आज बारिश हो रही है”, “मुझे स्कूल अच्छा नहीं लगता” – और पूरे दिन खेलने में मस्त रहता।
गाँव के बाकी बच्चे रोज़ स्कूल जाते और नई-नई चीज़ें सीखते। लेकिन गुड्डू को लगता था कि स्कूल जाने से कोई फायदा नहीं। उसे लगता कि बिना पढ़ाई के भी ज़िंदगी आराम से चल सकती है।
एक दिन गुड्डू जंगल में घूम रहा था। अचानक उसकी नज़र एक पुरानी, टूटी-फूटी झोपड़ी पर पड़ी। झोपड़ी के अंदर एक बूढ़े बाबा बैठे थे। बाबा के हाथ में एक सुनहरी किताब थी, जिस पर अजीब-अजीब चिह्न बने थे।

गुड्डू को देखकर बाबा मुस्कुराए और बोले –
“बेटा, क्या तुम इस किताब का राज़ जानना चाहते हो?”
गुड्डू उत्साहित हो गया – “हाँ बाबा, बताइए न!”
बाबा ने किताब खोली, लेकिन उसमें लिखी बातें गुड्डू को समझ ही नहीं आईं। उसने हैरानी से पूछा –
“ये क्या लिखा है बाबा? मैं कुछ समझ नहीं पा रहा!”
बाबा ने हंसकर कहा –
“बेटा, ये रहस्यमयी ज्ञान की किताब है, लेकिन इसे सिर्फ वही पढ़ सकता है जिसने स्कूल में पढ़ाई की हो।”
गुड्डू को पहली बार अहसास हुआ कि पढ़ाई के बिना वह इस दुनिया के कई राज़ नहीं जान सकता।


गुड्डू बाबा से किताब पढ़ने की जिद करने लगा। बाबा ने कहा –
“अगर तुम सच में इसे पढ़ना चाहते हो, तो पहले स्कूल जाकर पढ़ाई करो। क्योंकि पढ़ाई के बिना इस किताब का ज्ञान तुम्हारे किसी काम का नहीं होगा।”
गुड्डू को अब समझ आ गया था कि स्कूल में जाना कितना ज़रूरी है। अगले ही दिन उसने अपनी माँ से कहा –
“माँ, मुझे स्कूल जाना है!”
गाँव के सब लोग हैरान थे, लेकिन गुड्डू के अंदर अब एक नई आग जल चुकी थी। वह पूरे मन से पढ़ाई करने लगा।
कुछ सालों बाद, गुड्डू एक बड़ा विद्वान बन गया। उसने दुनिया की कई किताबें पढ़ीं और गाँव के बच्चों को भी पढ़ाने लगा। अब वह समझ चुका था कि स्कूल केवल किताबों का ज्ञान नहीं देता, बल्कि हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की ताकत भी देता है।
सीख:
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि पढ़ाई ही असली खज़ाना है। अगर हम स्कूल नहीं जाएंगे, तो दुनिया के कई रहस्य हमसे छिपे रह जाएंगे। पढ़ाई हमें मजबूत, समझदार और सफल इंसान बनाती है। इसलिए, कभी भी स्कूल जाने से मत कतराओ – शिक्षा ही असली शक्ति है!
